लाल किला दिल्ली से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
- लाल किला दिल्ली शहर के सबसे लोकप्रिय पर्यटक स्थलों में से एक है, जो पूरे देश और दुनिया भर के हजारों पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। इस राजसी इमारत का मूल नाम "किला-ए-मुबारक" था और यह आज देश के सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय इमारतों में से एक है, जहा पर हर साल स्वतंत्र दिवस के अवसर पर हमारे देश के प्रधानमंत्री देश का झंडा लहराते है.
- भारतीय पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार लाल किला पहले सफ़ेद रंग का हुआ करता था,क्योकि इस किले की बहुत सी दीवारों पर चुने का प्लास्टर पाया गया है,लेकिन ब्रिटिश राज के दौरान जब ये सफ़ेद रंग फीका होने लगा,तब अंग्रेजो ने इस किले को लाल रंग से रंग दिया.
- इस लाल किले को उस्ताद हामिद और उस्ताद अहमद नाम के दो आर्किटेक्ट ने डिज़ाइन किया था,जो की मुग़ल सम्राट शाह जहाँ के समय के बहुत बड़े आर्किटेक्ट थे.और इस किले का निर्माण उस समय किया गया था,जब शाह जहाँ ने अपनी राजधानी आगरा से दिल्ली शिफ्ट की थी.इस किले को बनकर तैयार होने में लगभग १० साल का समय लगा था,जो की इसका काम १६३८ में शुरू होकर १६४८ को ये ईमारत बनकर तैयार हुई थी.
- लाल किले की अष्टकोणीय आकर की ईमारत रेड सैंडस्टोन से बानी हुई है,और ये पूरा किला एक विशाल दिवार से घिरा हुआ है.इस किले में दो प्रवेश द्वार है,जिनके नाम दिल्ली गेट और लाहौर गेट है.और ये पूरा किला लगभग २५६ एकर के क्षेत्र में फैला हुआ है.
- इस लाल किले में एक रंग महल है,और इस रंग महल में पुरुषो को आना मना था,सिर्फ राजा या फिर उसके राज पुत्र ही इस महल में जा सकते थे.इसके अलावा सिर्फ उनकी नौकरानियाँ और नपुंसक लोग ही इस रंग महल के परिसर में प्रवेश कर सकते थे,जो की बहार का सन्देश अंदर तक पहुंचने का काम किया करते थे.
- इस किले में मुख्या रूप से राजा की पत्निया और उसकी प्रेमिकाए अपनी नौकरानियों के साथ रहा करती थी.आमतौर पर राजा इस शानदार स्थान पर अपनी पत्नियों के साथ समय बिताया करता था,और कभी कभी रात का खाना भी यही पर खाया करता था.
- लाल किले का सबसे आकर्षक पहलु यह भी है की,इसमें खूबसूरत कोहिनूर हिरा रखा गया था,जो की दीवान-ए-खास में स्थित शाहजहां के शाही सिंहासन में एम्बेडेड था।बाद में नादिर शाह ने इस बहुमूल्य पत्थर को चुरा लिया और आज कोहिनूर हिरा इंग्लैंड के रॉयल क्राउन कलेक्शन का हिस्सा है.
- और फिर आखरी मुग़ल सम्राट बहादुर शाह जफ़र को लाल किले के दीवान ए खास में राजद्रोह के आरोप में अंग्रेजो ने बंदी बना लिया था,
- और फिर आगे मुग़ल शासन के अंत में अंग्रेजो ने इस किले को हथिया लिया.और फिर इस किले के अंदर मौजूद कीमती सामान को बेच दिया साथ ही किले के अंदर कुछ बदलाव भी किये.
जय हिंदी वनडे मातरम.
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